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वचन हजूर बाबा सावन सिंह जी

हजूर बाबा सावन सिंह जी फ़रमाया करते थे:-
गुरु का काम समझाना है , बच्चा जहर की डली उठा कर मुंह में डालले तो माँ डॉलने देती है ?
चाहे बच्चा कितना ही रोये, माँ बच्चे के रोने की परवाह नहीं करती। जहर की डली फेंक देती है और जान बचा लेती है रोते को समझा बुझा लेती है।
इसी तरह सतगुरु सिख को मुनासिब समझ कर दात देते है चाहे सिख कितना मांगे रोये पीटे दात तभी देते है जब सिख में सम्भाले की ताकत हो जाए।
सतगुरु यदि मुनासिब नहीं समझते यानी सिख को लायक नहीं समझते तो उसकी दात स्वंयम् संभाल कर रखते है , मगर बे फायदा नहीं गंवाते सिख को भी पीछे पता लगता है।
आंवले का खाया बड़ो का बोला पीछे स्वाद देता है ।

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