जब परमात्मा अपनी रज़ा से कुछ देता है, तो वो हमारी सोच से परे होता है। हमें हमेशा उसकी रज़ा में ही रहना चाहिए, क्या पता मालिक हमे पूरासमुन्द्र देना चाहता हो और हम हाथ में चम्मच लेकर खड़े हो।
~PSD~
रज़ा मे ही मजा
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गुरुवार, सितंबर 08, 2016
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