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मस्ताना जी के आखिरी वचन

शहनशाह मस्ताना बिलोचास्तानी जी के वचन जो उन्होंने तारीख 16-04-1960 को फरमाये :-

"प्रेम रूप में गुलबहार, जुगों जुग से दोनों जहान का साथी हर घट में मौजूद, प्रेम रूप में सतगुरु रहता है।"

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