सिमरन करना चाहिए
जब हम किसी बैंक या संस्था से कर्ज लेते है तो वो बैंक या संस्था हमसे दो ऐसे व्यक्ति की पहचान मांगते है जिनकी वहां इज्जत हो । । तभी हमे कर्ज मिलता है । ठीक उसी प्रकार सतगुरु जब हमे नाम दान देते है तो सत्पुरुष भी गैरंटी मांगते है । तब सतगुरु हमारी जवाबदारी अपने सर लेते है और परमात्मा से कहते है की ये बन्दा आपकी बंदगी करेगा ।
हमेशा आपका सिमरन करेगा ।
सदैव आपका नाम जपेगा ।
निर्धनो की सेवा करेगा ।
आपकी आज्ञा में रहेगा । ।।
और जब हम कर्ज वापस नहीं देते तो जिसने हमारी गैरंटी ली थी कर्ज उसे चुकाना होता है । ठीक उसी प्रकार यदि हम भी सेवा सिमरन भजन नहीं करते तो तकलीफ हमारे सतगुरु जी को होती है ।।
इस लिए हर सतसंगी के लिए यह अति जरूरी है कि उसे नियम से व भाव से सेवा, सिमरन-भजन करते रहना चाहिए ।।
हमेशा आपका सिमरन करेगा ।
सदैव आपका नाम जपेगा ।
निर्धनो की सेवा करेगा ।
आपकी आज्ञा में रहेगा । ।।
और जब हम कर्ज वापस नहीं देते तो जिसने हमारी गैरंटी ली थी कर्ज उसे चुकाना होता है । ठीक उसी प्रकार यदि हम भी सेवा सिमरन भजन नहीं करते तो तकलीफ हमारे सतगुरु जी को होती है ।।
इस लिए हर सतसंगी के लिए यह अति जरूरी है कि उसे नियम से व भाव से सेवा, सिमरन-भजन करते रहना चाहिए ।।
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