गुरु के हुकुम में रहो
एक बार गुरु गोविन्द सिंह जी ने पानी में पत्थर फेंका, पत्थर पानी में डूब गया।
गुरूजी ने अपनी संगत के प्यार की परीक्षा लेने के लिए संगत से पूछा की ये पत्थर डूब क्यूँ गया. संगत ने जवाब दिया की यह तो होना ही था क्योंकि पत्थर पानी से भारी होता है और इस लिए वो डूब गया।
परन्तु संगत में बैठे गुरूजी के प्यारे नन्दलाल जी ने कहा की गुरूजी ये पत्थर इस लिए डूब गया क्योँकि ये आपके हाथ से निकल गया है, अगर ये आपके हाथ में ही रहता तो दुनिया की कोई भी चीज़ इसे डूब नहीं सकती थी।
शिक्षा : गुरु के हुक्म में रहने वाला इंसान कभी डूब नहीं सकता।
गुरूजी ने अपनी संगत के प्यार की परीक्षा लेने के लिए संगत से पूछा की ये पत्थर डूब क्यूँ गया. संगत ने जवाब दिया की यह तो होना ही था क्योंकि पत्थर पानी से भारी होता है और इस लिए वो डूब गया।
परन्तु संगत में बैठे गुरूजी के प्यारे नन्दलाल जी ने कहा की गुरूजी ये पत्थर इस लिए डूब गया क्योँकि ये आपके हाथ से निकल गया है, अगर ये आपके हाथ में ही रहता तो दुनिया की कोई भी चीज़ इसे डूब नहीं सकती थी।
शिक्षा : गुरु के हुक्म में रहने वाला इंसान कभी डूब नहीं सकता।
~PSD~