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स्वर्ग नर्क

हमने पुस्तको में पड़ रखा है की बहुत तरह के स्वर्ग नर्क है।
ऐसे नर्क है जहां गर्म कड़ाहे में डालते है। ऐसे नर्क है जहां गंदगी भरी है।
हम सोचते है की वो सब नर्क मरने के बाद कहीं भेज देंगे। वहां नर्क में ऐसा नही है। 84 लाख योनियां ये ही अलग अलग नर्क है।
जैसे आप को पता होगा चीन में जिन्दा कीड़े मकोड़े को गर्म तेल में डाल के खाते है। अब उन मकोड़ो को क्या महसूस होता होगा जब उनको जिन्दा उठा के गर्म तेल की कड़ाहे में डाला जाता है।  अब ये वो नर्क है जिसको गर्न्थो में खुम्बी नर्क कहा है।
कहने का मतलब है की यहां ही है सब नर्क। हम जो 84 लाख योनियाँ देख रहे है। ये नर्क भोग रही है। बुरे कर्मो का नतीजा और जो देवता लोग है। वो सुख भोग रहे है, पर पूर्ण सुखी वो भी नही है।
उनको सूक्ष्म शरीर मिला है। वो यहां ही घूमते है वायुमण्डल में। पर हम उन्हें सथूल आँख से नही देख सकते।
इसलिए कहते है। जब आप सतगुरू की याद में मस्त हो आनंदित हो तो आप स्वर्ग में हो। जब आप ईर्ष्या वैर दुश्मनी क्रोध चिंता में हो तो आप नर्क में हो।
स्वर्ग नर्क कहीं दूर नही। यहां ही है..
~PSD~