दुःख की घडी गनीमत जानो
क्योकि दुःख- सुख सब खुद मालिक के हुक्म से आता है । फिर जब हुक्म से आता है तो बुरा क्यों मानना चाहिये?
मालिक हमारे पास है , हमे देखता है।
अगर हमारा फायदा दुःख में होता है तो दुःख भेजता है, अगर हमारा फायदा सुख में होता है तो सुख भेजता है।
दोनों ही हुक्म के अन्दर है। आप सुख-दुःख की परवाह किए बिना बस सिमरन करते रहें।
मालिक हमारे पास है , हमे देखता है।
अगर हमारा फायदा दुःख में होता है तो दुःख भेजता है, अगर हमारा फायदा सुख में होता है तो सुख भेजता है।
दोनों ही हुक्म के अन्दर है। आप सुख-दुःख की परवाह किए बिना बस सिमरन करते रहें।
~PSD~