रूहानी चेतनता क्या है ?
रूहानी चेतनता क्या है ? इसका अर्थ है, अपने अंतर में मौजूद आत्मा और परमात्मा के प्रति जागृत होना। हममें से अधिकतर अपने शरीर, अपने मन में उठने वाले विचारों और चारों ओर के संसार के प्रति जागृत हैं, उन्हें देखते हैं, महसूस करते हैं। इसे भौतिक या शारीरिक चेतनता कहते हैं। पर हम शरीर और मन के अलावा भी कुछ और हैं। हम वास्तव में आत्मा हैं, जो कि शरीर में बसने वाला चेतन तत्व है। आत्मा परमात्मा की अंश है, जिसे हम अल्लाह, वाहेगुरू, भगवान, God, प्रभु आदि अनेक नामों से याद करते हैं। इसकी (आत्मा की) ज़ात (प्रकृति) वही है जो परमात्मा की ज़ात है। यह आत्मा ही है, जो शरीर को जान देती है। जब मौत के समय आत्मा शरीर से निकल जाती है, तो शरीर की मौत हो जाती है। पर आत्मा अमर है, इसकी मौत नहीं होती। जिस प्रकार 'मौत जैसा अनुभव' पाए लोगों ने अपने भौतिक शरीर की मौत के बाद भी, स्वयं को ज़िंदा पाया, उसी प्रकार हममें से हर एक, यह भौतिक शरीर छोड़ने के बाद भी ज़िंदा रहेगा, उसका अस्तित्व क़ायम रहेगा। अपने अस्तित्व के लगातार बने रहने का आभास, जो कि शरीर और मन पर आधारित नहीं है, रूहानी चेतनता कहलाता है।
~PSD~